Mumbai civic body dwara Jain mandir todne par samudaay ka virodh, shanivaar ko Andheri mein protest march
Mumbai civic body dwara Jain mandir todne par samudaay ka virodh, shanivaar ko Andheri mein protest march
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने विले पार्ले इलाके में स्थित एक जैन मंदिर को अवैध बताते हुए तोड़ दिया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कार्यवाही बुधवार को की गई।
इस तोड़फोड़ की जैन समुदाय ने कड़ी निंदा की है और इसे अनुचित बताया है। मंदिर के ट्रस्टी अनिल शाह के अनुसार यह मंदिर नेमिनाथ को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी, कम्बलीवाड़ी में स्थित था और यह 1960 के दशक का निर्माण था, जिसे पहले भी BMC से अनुमति लेकर मरम्मत किया गया था।
शाह ने बताया कि मंदिर को नियमित करने का प्रस्ताव भी BMC को सौंपा गया था, जैसा कि सरकार के एक प्रस्ताव में प्रावधान है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तोड़फोड़ के दौरान धार्मिक ग्रंथ और मंदिर की वस्तुएं क्षतिग्रस्त हो गईं और यह कार्यवाही एक स्थानीय होटल मालिक के इशारे पर की गई।
समुदाय के लोग शनिवार को अंधेरी स्थित K-East वार्ड कार्यालय तक विरोध मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं।
मुंबई महानगरपालिका की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मीडिया से संपर्क करने पर भी किसी प्रवक्ता ने जवाब नहीं दिया।
उधर बॉम्बे हाईकोर्ट ने BMC की गैरकानूनी निर्माणों पर ढिलाई को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति एएस गडकरी और कमल खाटा की खंडपीठ ने कहा कि “अवैध निर्माण शहर के नियोजित विकास को पूरी तरह खतरे में डालते हैं और मौजूदा संसाधनों पर बोझ डालते हैं।”
कोर्ट ने घाटकोपर में एक प्लेग्राउंड की आरक्षित ज़मीन पर बिना अनुमति बने हॉल को एक हफ्ते में तोड़ने का आदेश दिया है। इस ज़मीन पर एक गणेश मंदिर भी स्थित है और बाकी जगह सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के लिए इस्तेमाल होती रही है।
कोर्ट ने BMC अधिकारियों को कर्तव्य में लापरवाही का दोषी ठहराया और कमिश्नर को छह महीने में अनुशासनात्मक कार्रवाई की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने जमीन को खाली मैदान के रूप में ही बनाए रखने और भविष्य में किसी निर्माण पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।