Mumbai-Jeddah Haj Umrah Ship Seva Kab Shuru Hogi? Mahim ke Samajik Karyakartaon ka Pradhanmantri Modi se Sawal
Mumbai-Jeddah Haj Umrah Ship Seva Kab Shuru Hogi? Mahim ke Samajik Karyakartaon ka Pradhanmantri Modi se Sawal
#HajUmrahShipService #MumbaiCruiseTerminal #MahimSocialWorkers #PMModi #HajBySea #UmrahSeva #khabarface2face
माहिम, मुंबई, 20 अप्रैल 2025 – मुंबई के मझगांव के पूर्वी समुद्री तट पर स्थित नया अंतरराष्ट्रीय क्रूज़ टर्मिनल 21 अप्रैल 2025 को उद्घाटन के लिए तैयार है। इसी बीच माहिम के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर मुंबई से जेद्दाह तक हज और उमराह यात्रियों के लिए समुद्री सेवा शुरू करने की अपनी पुरानी मांग को दोहराया है।
मुंबई पोर्ट अथॉरिटी द्वारा विकसित 495 करोड़ रुपये के इस क्रूज़ टर्मिनल की क्षमता सालाना 500 क्रूज़ जहाज़ों और 10 लाख से अधिक यात्रियों की है। यह आधुनिक सुविधा देश के समुद्री पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई है।
लेकिन माहिम के निवासियों का एक सीधा सवाल है: "जब सब कुछ तैयार है, तो मुंबई-जेद्दाह हज-उमराह शिप सेवा कब शुरू होगी?"
सामाजिक कार्यकर्ता फ़ारूक़ धाला, सैयद एम. इस्माइल, सैयद गुलज़ार राणा और इरफ़ान मछीवाला ने 31 जनवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखकर इस सेवा को दोबारा शुरू करने की अपील की थी। उनका कहना है कि मुंबई से हज यात्रा समुद्र के रास्ते एक समय पर गौरवशाली परंपरा रही है।
उन्होंने अपने पत्र में यह भी याद दिलाया कि 2018 में उस समय के अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने मुंबई और जेद्दाह के बीच समुद्री हज सेवा की पायलट परियोजना की घोषणा की थी। सऊदी सरकार ने भी इस योजना को समर्थन देने की इच्छा जताई थी, लेकिन यह परियोजना घोषणा से आगे नहीं बढ़ सकी।
माहिम के कार्यकर्ताओं ने बताया कि नई हज नीति के तहत मोदी सरकार ने हर साल 15 क्रूज़ यात्राओं की योजना बनाई थी, जिनमें हर यात्रा में लगभग 5,000 हज यात्रियों को ले जाया जा सकता था। लेकिन अब वह योजना केवल कागज़ों तक सिमट कर रह गई है।
सैयद गुलज़ार राणा कहते हैं, "मुंबई से जेद्दाह जलमार्ग द्वारा हज यात्रा कोई नई बात नहीं है, इसे बस फिर से शुरू करने की ज़रूरत है। एमवी अकबरी वह आख़िरी जहाज़ था जो 1995 में हज यात्रियों को ले गया था। उस समय यात्रा में एक हफ़्ता लगता था, जबकि आज के आधुनिक क्रूज़ जहाज़ों से यह यात्रा केवल तीन दिन में पूरी की जा सकती है।"
इरफ़ान मछीवाला के अनुसार, यह यात्रा न केवल किफ़ायती विकल्प होगी, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी लाभकारी होगी। "जहाज़ पर नमाज़ के लिए खुली जगह होगी और लंबी यात्रा से यात्रियों में एकता और आध्यात्मिक जुड़ाव बढ़ेगा। हम सरकार से उम्मीद करते हैं कि अब जबकि मुंबई के पास विश्व स्तरीय समुद्री ढांचा है, तो इस यात्रा को प्राथमिकता दी जाए।"
नए क्रूज़ टर्मिनल के उद्घाटन की तैयारियों के बीच, माहिम के यह सामाजिक कार्यकर्ता पूछ रहे हैं: क्या केंद्र सरकार अब उस आध्यात्मिक समुद्री मार्ग को फिर से शुरू करेगी, जो एक समय भारत को पाक ज़मीन से जोड़ता था?