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Desalination projects ke fayde aur nuksaan


Desalination projects ke fayde aur nuksaan

समाजसेवी इरफान मछीवाला, माहिम ने बताया कि समुद्री पानी को मीठा पानी बनाने वाली डीसैलिनेशन परियोजनाएं कई फायदे देती हैं, लेकिन इनके कुछ नुकसान भी हैं।

डीसैलिनेशन परियोजनाओं के फायदे:

1. विश्वसनीय जल आपूर्ति  
ये परियोजनाएं उन इलाकों में पीने लायक पानी का स्थायी स्रोत बनती हैं जहां मीठे पानी की भारी कमी होती है।

2. सूखा-प्रतिरोधक  
जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और सूखे की स्थितियों में मददगार साबित होती हैं।

3. कृषि और उद्योग को सहारा  
इससे प्राप्त जल का उपयोग सिंचाई और औद्योगिक कार्यों में किया जा सकता है, जिससे ताजे पानी के स्रोतों पर दबाव कम होता है।

4. भूजल पर दबाव कम  
भूजल के अत्यधिक दोहन से बचाव होता है, जिससे भूमि धंसने और जल स्तर घटने की समस्या नहीं होती।

5. तटीय क्षेत्रों के लिए लाभकारी  
जिन क्षेत्रों में समुद्री जल प्रचुर मात्रा में है पर मीठे पानी की कमी है, वहां यह एक प्रभावी समाधान है।

डीसैलिनेशन परियोजनाओं के नुकसान:

1. ऊर्जा की अधिक खपत  
इन संयंत्रों को चलाने में भारी मात्रा में बिजली की जरूरत होती है, जिससे प्रदूषण और लागत दोनों बढ़ते हैं।

2. महंगी संरचना  
इसकी स्थापना और संचालन लागत बहुत अधिक होती है, जिससे यह विकासशील देशों और छोटे समुदायों के लिए कठिन हो जाता है।

3. नमकयुक्त पानी (ब्राइन) की निकासी  
प्रक्रिया में निकले अत्यधिक नमकयुक्त पानी को समुद्र में छोड़ना समुद्री जीवों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

4. समुद्री जीवन पर असर  
पानी खींचने की प्रक्रिया में छोटे जीव जैसे प्लवक और मछली के अंडे भी खिंच जाते हैं, जिससे जैव श्रृंखला प्रभावित होती है।

5. सीमित उपयोगिता  
देश के आंतरिक क्षेत्रों में इसे पहुंचाना महंगा और पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है।

6. रासायनिक प्रदूषण की संभावना  
इस प्रक्रिया में क्लोरीन जैसे रसायनों का प्रयोग होता है, जो अगर सही से प्रबंधित न हो तो प्रदूषण फैला सकते हैं।

निष्कर्ष  
डीसैलिनेशन परियोजनाएं जहां जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए राहत हैं, वहीं इनका सावधानीपूर्वक और संतुलित उपयोग जरूरी है।

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