RTI Activist Detained While Chasing ₹3 Lakh Crore MHADA Scam Complaint
Shocking Detention Raises Questions Over Delayed Action in Massive Housing Fraud
मुंबई में एक बड़े घोटाले को उजागर करने की कोशिश कर रहे आरटीआई कार्यकर्ता कमलकांत शेनॉय को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया। यह मामला लगभग तीन लाख करोड़ रुपये के एमएचएडीए घोटाले से जुड़ा हुआ है जिसकी शिकायत पिछले तीस महीने से लंबित है।
शेनॉय के साथ गौरव वोरा, प्रीति धमाले और मुकेश शर्मा को भी आजाद मैदान पुलिस ने दो घंटे तक हिरासत में रखा जब वे आर्थिक अपराध शाखा कार्यालय में शिकायत की प्रगति जानने पहुंचे।
शेनॉय ने आरोप लगाया कि आर्थिक अपराध शाखा जानबूझकर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही जबकि अठारह महीने पहले जांच में संज्ञेय अपराध की पुष्टि हो चुकी है।
शिकायत एमएचएडीए को पुनर्विकास प्रोजेक्ट में सौंपे जाने वाले सरप्लस टेनेमेंट्स की गलत गणना से जुड़ी है, जिससे डेवलपर्स को भारी मुनाफा हुआ और सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ।
शेनॉय का दावा है कि पिछले तीस वर्षों में किसी भी प्रोजेक्ट ने सेक्शन 103 के तहत तय नियमों का पालन नहीं किया और इससे राज्य को करीब चालीस हजार करोड़ का नुकसान हुआ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले में कम से कम पच्चीस से तीस आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं जिनमें एमएचएडीए के सीईओ और अन्य उच्च अधिकारी भी शामिल हैं।
शेनॉय ने सीआरपीसी की धारा 154 और 160 का हवाला देते हुए पुलिस पर कानूनी उल्लंघन का आरोप लगाया और कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को शाम छह बजे के बाद पुलिस स्टेशन बुलाना अवैध है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया जिसमें मनमानी गिरफ्तारी से बचने की बात कही गई है।
शेनॉय का कहना है कि यह केवल घोटाले की बात नहीं है बल्कि उन लोगों की सुरक्षा की बात है जो सच्चाई उजागर कर रहे हैं। उन्होंने उच्च न्यायालयों में जाने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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