India Begins Operation Sindhu: 110 Students Evacuated from War-Hit Iran
Thousands of Indians Still Stranded in Iran Amid Rising Israel-Iran Tensions
Missiles and Drones Witnessed by Indian Students During Escape from Iran
Evacuation Underway: India Races Against Time to Rescue 4,000 Citizens from Iran
ईरान और इज़राइल के बीच लगातार तनाव बना हुआ है और यह स्थिति अब युद्ध जैसे हालातों की ओर बढ़ रही है।
भारत सरकार ने इस परिस्थिति को गंभीरता से लेते हुए “Operation Sindhu” शुरू किया है। इसका उद्देश्य ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों, खासतौर पर छात्रों को सुरक्षित निकालना है।
आज सुबह 110 भारतीय छात्रों का पहला जत्था दिल्ली पहुंचा। ये छात्र ईरान के विभिन्न विश्वविद्यालयों जैसे तेहरान और यूर्मिया से निकाले गए थे। इनकी निकासी पहले आर्मेनिया पहुंचाकर वहां से विशेष उड़ान द्वारा भारत लाई गई।
कुल मिलाकर करीब 4,000 भारतीय नागरिक अब भी ईरान में हैं, जिनमें से लगभग 2,000 छात्र हैं। फिलहाल सिर्फ 110 छात्रों को सुरक्षित निकाला गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अभी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
इज़राइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष 13 जून से शुरू हुआ है। इज़राइल ने ईरान के अराक और नतांज़ जैसे परमाणु स्थलों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, वहीं ईरान ने इज़राइल के दक्षिणी हिस्से में बीरशेबा के एक अस्पताल पर हमला किया जिसमें कई लोग घायल हुए।
ईरान में मौजूद भारतीय छात्रों ने बताया कि उन्होंने मिसाइल और ड्रोन हमले अपनी आंखों से देखे। उनका कहना है कि वे मानसिक रूप से काफी डरे हुए हैं लेकिन भारत पहुंचकर उन्होंने राहत की सांस ली है।
एक छात्र ने बताया, "हमने मिसाइल को सिर के ऊपर से उड़ते देखा, रात को बम गिरने की आवाजें आईं, अब भारत पहुंचकर सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।"
छात्रों ने यह भी बताया कि भारतीय दूतावास ने पहले से ही सारी तैयारी कर रखी थी और समय रहते उन्हें निकाल लिया गया।
ईरान के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह बंद हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 97% से ज्यादा इंटरनेट ठप हो गया है, जिससे संपर्क करना मुश्किल हो गया है।
भारत सरकार ने हेल्पलाइन नंबर और कंट्रोल रूम 24 घंटे के लिए शुरू कर दिए हैं। टोल फ्री नंबर 800118797, व्हाट्सऐप नंबर +91‑9968291988 और ईमेल situationroom@mea.gov.in पर सहायता ली जा सकती है।
कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से सैकड़ों छात्र अब भी ईरान में फंसे हुए हैं और उनकी निकासी की प्रक्रिया तेज़ी से जारी है।
भारत सरकार ने इस निकासी अभियान के लिए तुर्कमेनिस्तान, जॉर्डन, अफगानिस्तान, क़तर जैसे देशों के ज़रिए वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किए हैं ताकि ज़रूरत पड़ने पर ज़मीनी रास्तों से भी निकासी हो सके।
दुनियाभर के कई देश जैसे अमेरिका, जापान, फ्रांस और इंडोनेशिया भी अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अभी तक 350 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन मिल चुके हैं और आगे भी रेस्क्यू फ्लाइट्स भेजी जाएंगी।
सरकार की योजना है कि किसी भी भारतीय को पीछे न छोड़ा जाए और हर एक नागरिक को सुरक्षित भारत वापस लाया जाए।
अभी तक किसी भी भारतीय नागरिक के घायल होने या हताहत होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है। यह राहत की बात है।
एक छात्रा ने कहा, “मैंने अब तक कभी ऐसा डर महसूस नहीं किया था, लेकिन अब अपने देश में हूं तो सुरक्षित महसूस कर रही हूं।”
विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीयों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और स्थानीय दूतावास से जुड़े रहें ताकि उन्हें सही समय पर सही सूचना और मदद मिल सके।
दूसरे देशों की तरह भारत भी मानवीय दृष्टिकोण से इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम दे रहा है और इसका उद्देश्य सिर्फ अपने नागरिकों की रक्षा करना है।
सरकार की तत्परता, दूतावासों की मेहनत और छात्रों की हिम्मत से यह पहला चरण सफल रहा है, लेकिन असली चुनौती अब बाकी बचे 3900 भारतीयों की सुरक्षित वापसी है।
दोस्तों, ऐसे कठिन समय में संयम और सतर्कता सबसे ज़रूरी है। हमारे देश की सरकार और अधिकारी पूरी कोशिश में लगे हैं।
आपकी क्या राय है, हमें कमेंट में ज़रूर बताइए।
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