Monsoon Dangers: Beware of Wildlife Movement in Mumbai
Increased Risk from Snakes, Crocodiles, and Insects During Rains
बारिश के मौसम में मुंबई में कुछ जानवर और कीड़े अधिक सक्रिय या खतरनाक हो जाते हैं, खासकर बाढ़, जलभराव और उनके निवास स्थान में बदलाव के कारण। इरफान मछीवाला द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इन प्रमुख जानवरों से सतर्क रहना जरूरी है।
साँप: बारिश के कारण साँप अपने बिलों से बाहर आकर घरों, बाग-बगीचों या सोसाइटी के परिसर में आ सकते हैं। सामान्य प्रकार हैं रसेल वाइपर, कोबरा, करैत और जल साँप। नंगे पैर घास या पानी में चलने से बचें, रात में टॉर्च का इस्तेमाल करें।
मगरमच्छ: ठाणे क्रीक, वसई, नवी मुंबई और पवई झील जैसे इलाकों में देखे जाते हैं। भारी बारिश से वे मानव बस्तियों या सड़कों के करीब आ सकते हैं। जल निकायों के पास न जाएं, वन विभाग या नगरपालिका की चेतावनियों का पालन करें।
आवारा कुत्ते: बारिश में भूख, बीमारी या असुविधा के कारण आक्रामक व्यवहार दिखा सकते हैं। इनके काटने से रेबीज का खतरा रहता है। रात में या कचरे के पास इन्हें उकसाने से बचें।
बंदर: मुंबई उपनगर के कुछ हिस्सों जैसे आरे कॉलोनी और संजय गांधी नेशनल पार्क के आसपास देखे जाते हैं। ये घरों में खाना ढूंढते हुए घुस सकते हैं और आक्रामक हो सकते हैं। खिड़कियां खुली न छोड़ें, खासकर अगर अंदर खाना रखा हो।
कीट और मच्छर: मच्छर रुके हुए पानी में तेजी से पनपते हैं और डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे रोग फैलाते हैं। मच्छर भगाने वाली दवाएं इस्तेमाल करें, जलभराव से बचें और जल निकासी बनाए रखें।
चूहे: ये खाने को दूषित करते हैं और संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। इनके मूत्र से फैलने वाली बीमारी लेप्टोस्पायरोसिस का खतरा रहता है। बाढ़ के पानी से दूर रहें, जूते पहनें और स्वच्छता बनाए रखें।
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