Ajit Pawar Warns Kirit Somaiya Over Mosque Loudspeaker Visits
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बीजेपी नेता किरीट सोमैया को स्पष्ट चेतावनी दी है कि वे मस्जिदों में जाकर लाउडस्पीकरों की जांच न करें क्योंकि इससे राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अजित पवार की पार्टी एनसीपी, महायुति गठबंधन में बीजेपी के साथ है, जिससे यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बन गया है।
यह बयान मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन्द्र भारती की उपस्थिति में दिया गया जब बुधवार को मुंबई के मुस्लिम समाज के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल सह्याद्री गेस्ट हाउस में उपमुख्यमंत्री से मिला। प्रतिनिधियों ने किरीट सोमैया के मस्जिदों में कथित तौर पर जाकर निरीक्षण करने और पुलिस पर लाउडस्पीकर हटवाने का दबाव बनाने पर चिंता जताई।
प्रतिनिधिमंडल में पूर्व एनसीपी विधायक नवाब मलिक, उनकी बेटी और विधायक सना मलिक, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी और पूर्व विधायक जीशान सिद्दीकी शामिल थे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस प्रकार की कार्रवाई से कोई गड़बड़ी होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी किरीट सोमैया पर होगी।
बैठक में आयुक्त देवेन्द्र भारती ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार ध्वनि की सीमा 45 से 55 डेसिबल के बीच निर्धारित की गई है, लेकिन इसे लागू करने में व्यावहारिक दिक्कतें हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिस समय यह बैठक चल रही थी उस समय भी ध्वनि का स्तर 45 डेसिबल से अधिक था, जिससे यह समझा जा सकता है कि आदेश का कड़ाई से पालन करना कितना कठिन है।
अजित पवार ने आयुक्त को आदेश का पालन कराने के निर्देश तो दिए लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि इसमें कोई भी पक्षपात नहीं होना चाहिए। देवेन्द्र भारती ने बताया कि अब तक मुंबई में लगभग 1500 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं।
नवाब मलिक ने मीडिया को बताया कि दिन में अधिकतम ध्वनि सीमा 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल तय की गई है और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर पर पूर्ण प्रतिबंध है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कानून का पालन निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के नेता अबू आज़मी ने कहा कि यह कार्रवाई केवल मस्जिदों को निशाना बनाकर की जा रही है जबकि अज़ान पूरे देश में होती है, लेकिन इस पर बवाल केवल मुंबई में हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच अनावश्यक तनाव फैलाया जा रहा है।
वहीं मुंबई बीजेपी अध्यक्ष और संस्कृति मंत्री आशीष शेलार ने किरीट सोमैया का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार ही कार्य किया है। बीजेपी के सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि सोमैया ने खुद मस्जिदों का दौरा नहीं किया बल्कि केवल वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कुछ मस्जिदों में हो रहे नियमों के उल्लंघन की जानकारी दी।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मुस्लिम समुदाय में असंतोष बढ़ता जा रहा है। पांच मुस्लिम संस्थाओं ने लाउडस्पीकर हटाने के खिलाफ याचिका भी दायर की है। इसी कड़ी में गोवंडी में लगभग 200 इमामों की सभा हुई जिसमें अबू आज़मी ने सभी से आग्रह किया कि अगर पुलिस के पास कोई लिखित आदेश नहीं है तो वे उससे स्पष्टता की मांग करें।
हालांकि अजित पवार सत्ता में हैं लेकिन मुस्लिम समाज उन्हें एक न्यायप्रिय और धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में देखता है। इस विश्वास का आधार उनके पूर्व के निर्णय हैं जैसे विशालगढ़ में घरों की तोड़फोड़ के विरोध में खड़ा होना, सतारा के पुससावली हत्या कांड और मीरा रोड दंगों के दौरान मुस्लिम समुदाय के पक्ष में आवाज उठाना।
इसीलिए जब मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने जैसे संवेदनशील मामले की बात आई है तो मुस्लिम नेता आश्वस्त हैं कि अजित पवार इसमें न्याय करेंगे। जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर उनका भरोसा इतना मज़बूत नहीं रहा है।
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