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Iran and Israel war Updates



आज की सबसे बड़ी और डराने वाली खबर फिर से ईरान और इज़राइल के बीच से सामने आई है। इस बार जंग और ज़्यादा तेज़ हो चुकी है।  

इज़राइल ने सीधे तौर पर ईरान की तीन बड़ी न्यूक्लियर साइट्स — अराक हैवी वॉटर रिएक्टर, नतांज़, इस्फहान और खोंदाब पर हवाई हमला किया है।  
इन हमलों ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है।  

जवाब में ईरान ने इज़राइल के दक्षिणी शहर बेर्शेबा में स्थित सोरोका हॉस्पिटल पर मिसाइल हमला किया।  
इस हमले में लगभग 240 लोग घायल हुए हैं।  
सोरोका अस्पताल का एक हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया है।  
हालांकि अस्पताल के कुछ हिस्से पहले ही खाली कर दिए गए थे, इसलिए बड़ी संख्या में जानें बच गईं।  

इज़राइल के रक्षा मंत्री ने इस हमले की ज़िम्मेदारी सीधे तौर पर ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई पर डाली है।  
उन्होंने कहा कि यह हमला खामेनेई की नीति और नेतृत्व का सीधा नतीजा है।  

ईरान के लीडर खामेनेई ने जवाब में अमेरिका को चेतावनी दी है।  
उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ने इस मामले में सीधा हस्तक्षेप किया, तो इसके लिए ज़िम्मेदार सिर्फ और सिर्फ अमेरिका होगा।  

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है।  
उन्होंने कहा कि कूटनीति यानी diplomacy हमेशा पहली पसंद होनी चाहिए, लेकिन अगर ईरान यूरेनियम बनाना नहीं रोकता, तो इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं।  

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने उस इज़राइली प्लान को रद्द करवा दिया जिसमें खामेनेई की हत्या की बात थी।  
ट्रंप के मुताबिक, ईरान ने अब तक किसी अमेरिकी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया, इसलिए उन्होंने ये कदम उठाया।  

इसी बीच अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी — IAEA ने कहा है कि अराक रिएक्टर उस वक्त चालू नहीं था, इसलिए रेडिएशन का कोई खतरा नहीं है।  

खामेनेई ने फिर दोहराया कि अगर अमेरिका ने सीधी दखलअंदाज़ी की तो ऐसा नुकसान होगा जो कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा।  

इज़राइल के हाइफा और नॉर्थ रीजन में एयर रैड सायरन बजाए गए हैं।  
लोगों को तुरंत बॉम्ब शेल्टर्स में जाने को कहा गया है।  

ईरान के एक सांसद ने अमेरिका को धमकी दी है कि अगर वो बीच में आया तो वे होरमुज़ की खाड़ी यानी Strait of Hormuz को बंद कर देंगे।  

दुनिया भर में तनाव बढ़ता जा रहा है और अब रूस ने भी अमेरिका को सख्त चेतावनी दी है।  
रूस ने कहा है — “हाथ पीछे रखो” और साथ ही बातचीत का प्रस्ताव भी रखा है।  

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने साफ किया कि ईरान ने रूस से अभी तक कोई फौजी मदद नहीं मांगी है।  
उन्होंने कहा कि फिलहाल रूस सिर्फ शांति की बात कर रहा है।  

चीन ने भी बयान दिया है कि अब सीज़फायर यानी फायरिंग रोकना ज़रूरी हो गया है।  
ताकि हालात और न बिगड़ें।  

यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन और जर्मनी — तीनों ने मिलकर दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।  

ब्रिटिश प्रधानमंत्री केइर स्टार्मर ने कहा है कि अगर ईरान परमाणु बम बनाता है, तो यह ब्रिटेन के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है।  

वहीं जर्मनी के चांसलर ने इज़राइल के कदमों को यूरोप की सुरक्षा के लिए ज़रूरी बताया है।  
उन्होंने कहा कि जो इज़राइल कर रहा है, वो पूरे यूरोप के हित में है।  

ईरान ने इस बयान का कड़ा विरोध किया है और जर्मनी के एंबेसडर को तलब कर लिया गया है।  

इस बीच, ओमान में चल रही न्यूक्लियर बातचीत को स्थगित कर दिया गया है।  
लेकिन उम्मीद है कि जल्द जिनेवा में फिर से एक डिप्लोमैटिक रास्ता खोलेगा।  

अमेरिका और ईरान के विदेश मंत्रियों के बीच बैक चैनल बातचीत जारी है, ताकि पूरी तरह से दरवाज़े बंद न हो जाएं।  

मिस्र और तुर्की जैसे देश यूरोपीय देशों के साथ मिलकर शांति की कोशिशों में लगे हुए हैं।  

इधर कई देशों ने अपने नागरिकों को ईरान और इज़राइल से निकालना शुरू कर दिया है।  
भारत की तरफ से भी ऑपरेशन सिंधु के तहत भारतीय छात्रों और नागरिकों को सुरक्षित बाहर लाया जा रहा है।

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