Deshbhakti ka paath padhaya Bombay High Court ne, Gaza protest yaachika ko kiya kharij
देशभक्ति का पाठ पढ़ाया बॉम्बे हाईकोर्ट ने, गाज़ा प्रोटेस्ट याचिका को किया खारिज
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) द्वारा दाखिल की गई उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मुंबई पुलिस द्वारा गाज़ा में कथित नरसंहार के खिलाफ आज़ाद मैदान पर प्रदर्शन की इजाज़त न देने को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह मामला भारत की विदेश नीति से जुड़ा है और ऐसे मुद्दों पर यहां प्रदर्शन की अनुमति देना उपयुक्त नहीं।
न्यायमूर्ति रविंद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणियां करते हुए कहा कि, "हमारे देश में पहले से ही बहुत सारी समस्याएं हैं। गाज़ा और फिलिस्तीन जैसे हज़ारों किलोमीटर दूर के मुद्दों को लेकर आंदोलन करना देशभक्ति नहीं है। देश के अपने मुद्दों की तरफ ध्यान दीजिए।"
कोर्ट ने सीधा सवाल उठाते हुए कहा, "देशभक्त बनिए। यह जो आप कर रहे हैं, यह देशभक्ति नहीं है। लोग खुद को देशभक्त कहते हैं, पर असल देशभक्ति अपने देश की समस्याओं को हल करने में होती है।"
कोर्ट की इस टिप्पणी को देश की न्यायिक प्रणाली द्वारा एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय विवादों को लेकर घरेलू धरनों या प्रदर्शनों की एक सीमा होनी चाहिए, विशेषकर जब मामला सरकार की कूटनीति से जुड़ा हो।
इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मची है और सोशल मीडिया पर बहस तेज़ हो गई है कि देश के अंदर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का संतुलन कैसे कायम रखा जाए।
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