NGT Orders Demolition of Illegal Promenade at Mumbai's Aksa Beach
Environmental Activists Win Case Against Maharashtra Maritime Board
CRZ Rules Violated: Tribunal Allows Sea Wall but Rejects Promenade
मुंबई न्यूज़: अक्सा बीच पर बने प्रोमेनेड को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने अवैध करार देते हुए दो महीने के भीतर तोड़ने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड (MMB) द्वारा 2023 में लगभग 600 मीटर लंबा और 4 मीटर चौड़ा यह प्रोमेनेड तैयार किया गया था।
मामले की शुरुआत तब हुई जब पर्यावरण कार्यकर्ता जोरू भठेना और बंडा नागराज कुमार ने NGT में याचिका दाखिल की। उनका कहना था कि "सी फ्रंट डेवलपमेंट और ब्यूटीफिकेशन" के नाम पर यह निर्माण कार्य पूरी तरह से तटीय नियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone - CRZ) के नियमों का उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि MMB ने पहले इस परियोजना को ब्यूटीफिकेशन बताया और बाद में इसे "एंटी-सी इरोजन" (समुद्री कटाव रोकथाम) योजना कहकर मंजूरी हासिल की।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि बीच पर प्रोमेनेड और सी-वॉल का निर्माण बीच की प्राकृतिक संरचना को नुकसान पहुँचाएगा और रेत जमाव की प्रक्रिया रुक जाएगी। जुलाई 2022 में बीच पर जेसीबी मशीनों से खुदाई कर रेत हटाई गई और सीधा अरब सागर के किनारे कंक्रीट रोड और दीवार बनाई गई। उनका कहना था कि यह निर्माण बीच को दो हिस्सों में बाँट देता है और आने वाले समय में प्राकृतिक क्षरण को और तेज करेगा।
MMB ने अपने बचाव में कहा कि यह प्रोजेक्ट CRZ नोटिफिकेशन 2011 और 2019 के अनुसार मान्य है क्योंकि यह "एंटी-सी इरोजन" का हिस्सा है। उन्होंने IIT बॉम्बे और CWPRS की रिपोर्ट्स भी प्रस्तुत कीं, जिनमें कहा गया कि अक्सा बीच एक "इरोजन साइट" है और वहाँ बिजली के खंभों जैसे ढाँचों की सुरक्षा के लिए बंड की ज़रूरत है।
NGT ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि "एंटी-सी इरोजन बंड" को अनुमति प्राप्त थी और वह सही तरीके से बना है। लेकिन "प्रोमेनेड" कभी भी अनुमोदन का हिस्सा नहीं था और यह MMB द्वारा अनुमति से अधिक किया गया कार्य है। इसलिए ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया कि प्रोमेनेड को दो महीने के अंदर हटाया जाए।
इस फैसले के बाद स्पष्ट है कि बीच के प्राकृतिक स्वरूप को बचाने और CRZ नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए NGT सख्त रुख अपनाए हुए है।
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