सरकार और चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल: सुप्रिया श्रीनेत
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने हरियाणा चुनाव विवाद को लेकर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सुप्रिया ने कहा कि सरकार ने 20 दिसंबर को चुनाव संचालन नियमों में बदलाव कर जनता की पारदर्शिता के अधिकार पर हमला किया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने महमूद प्राचा द्वारा मांगे गए दस्तावेज़ और वीडियो देने से इंकार कर दिया और कोर्ट के निर्देश के बावजूद नियम बदल दिए गए। इस बदलाव के बाद अब कोई भी व्यक्ति चुनावी दस्तावेज़ों का निरीक्षण नहीं कर सकेगा।
सुप्रिया के सवाल:
1. चुनाव आयोग को पारदर्शिता से परहेज़ क्यों है?
2. लोकतंत्र में जनता से चुनावी जानकारी छिपाने का क्या मतलब है?
3. क्या सरकार और आयोग कुछ छिपाना चाहते हैं?
4. राजनीतिक दलों और जनता से विचार-विमर्श किए बिना यह फैसला क्यों लिया गया?
निष्पक्ष चुनावों पर खतरा
सुप्रिया ने कहा कि पहले ही चुनाव आयोग पर पक्षपात, वोटर लिस्ट से नाम हटाने और निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। अब इस बदलाव ने लोकतंत्र पर और बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा, "पारदर्शिता लोकतंत्र की आत्मा है। जो चीज़ें छिपाई जाती हैं, उनमें गड़बड़ी की आशंका सबसे अधिक होती है।"
कांग्रेस प्रवक्ता ने सरकार और चुनाव आयोग से इस फैसले को वापस लेने की मांग की और कहा कि जनता को पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव का अधिकार है।